जन्म दिवस पर

आज, मेरे जन्मदिवस के अवसर पर प्रदेश के समस्त जिलों के विभिन्न स्थानों में स्वैच्छिक रक्तदान शिविर, वृक्षारोपण एवं फल, जूस, मास्क और सेनेटाइजर वितरण तथा कोरोना योद्धाओं के सम्मान में, कोविड मरीजों व मरीजों के तीमारदारों के सहायतार्थ कार्यक्रम आयोजित किये गए। जिसके अंतर्गत ‘भारतीय जनता युवा मोर्चा’ एवं ‘अरविन्द पाण्डेय फैन क्लब’ द्वारा श्रीनगर, ऋषिकेश, पौड़ी, पिथौरागढ़, टिहरी, रुद्रप्रयाग, कोटद्वार, रुद्रपुर, गदरपुर, सिटी ब्लड बैंक आराघर देहरादून, दून अस्पताल देहरादून, एम्स ऋषिकेश में स्वैच्छिक रक्तदान शिविर कार्यक्रम आयोजित किया गया। हल्द्वानी और बेतालघाट, जनपद नैनीताल एवं काशीपुर जनपद उधमसिंह नगर में वृक्षारोपण कार्यक्रम तथा जिला चिकित्सालय बौराड़ी जनपद टिहरी एवं पौड़ी जिला अस्पताल में मास्क, सेनेटाइजर वितरण तथा रुड़की जनपद हरिद्वार एवं चम्पावत में फल, जूस और मास्क वितरण कार्यक्रम आयोजित किया गया। साथ ही ‘अरविन्द पाण्डेय फैन क्लब’ द्वारा पौड़ी में कोरोना योद्धाओं को सम्मानित किया गया। संयुक्त चिकित्सालय टनकपुर, जनपद चम्पावत में डॉक्टरस, हेल्थ वर्कर्स, नर्स व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को प्रतीक चिन्ह भेंट कर उनका उत्साहवर्धन किया गया तथा कोविड मरीजों, मरीजों के तीमारदारों के लिए प्रोटीन पाउडर प्रदान किये गए। इस पुनीत कार्य हेतु ‘भारतीय जनता युवा मोर्चा’ एवं ‘अरविन्द पाण्डेय फैन क्लब (Arvind Pandey Fan Club)’ और मेरे समस्त युवा साथियों का सह्रदय धन्यवाद।

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खेलोगे कूदोगे, बनोगे लाजवाब ! -2

प्रदेश में खेलों के विकास को लेकर हमारी सरकार ने एक नई सोच के साथ कार्य करना प्रारम्भ किया है । मेरा मानना है कि प्रदेश स्तर पर एक-दो बड़ी बड़ी अवस्थापनायें खड़ी करने मात्र से प्रदेश में खेलों का विकास नहीं हो सकता है, हमें कम से कम न्याय पंचायत स्तर पर खेल मैदान / मिनी स्टेडियम स्थापित करने होंगे तथा प्रत्येक खेल मैदान / मिनी स्टेडियम में कुछ खेलों का चयन करके उनमें प्रशिक्षण देने के लिए कोच व अन्य आवश्यक सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जायेंगी । पंचायती राज विभाग की सहायता से प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर ओपन जिम / व्यायामशालायें स्थापित की जायेंगी । इससे जहाँ प्रेदश में खेलों के प्रति उत्साहजनक वातावरण बनेगा वहीं सेना , अर्द्धसैनिक बलों, पुलिस आदि सेवाओं में भर्ती की तैयारी कर रहे युवाओं को भी लाभ होगा । पिछले पांच वर्षों में इसी सोच को लेकर हमारी सरकार ने कार्य किया है । ग्रामीण क्षेत्र में युवाओं को खेलों में आगे बढ़ने के लिए ‘खेल महाकुम्भ’ का वार्षिक आयोजन किया गया । सी. एस. आर. द्वारा इन प्रतियोगिताओं में विजेताओं के लिए विशेष आकर्षक पुरस्कारों की भी व्यवस्था की गयी । यद्यपि पिछले दो वर्षाें में कोविड महामरी के कारण यह आयोजन वृहद स्तर पर नहीं किया जा सका । बालिकाओं के लिए पृथक रूप से स्पोर्टस कालेज खोलने की तैयारी चल रही है । साथ ही माननीय मुख्यन्त्री जी की प्रेरणा से एक नया खेल विश्वविद्यालय भी स्थापित करने का कार्य किया जा रहा है । वन्दना कटारिया, मनोज सरकार, लक्ष्य सेन व अन्य खिलाड़ियों ने खेल के क्षेत्र में देश व प्रदेश को गौरवान्वित किया है। राज्य सरकार उनको सम्मानित करने का कार्य कर रही है परन्तु यह सम्मान उनको सफल होने के बाद मिल रहा है । जब वे संघर्ष के दौर में थे तो एक पारदर्शी तथा स्पष्ट खेल नीति के अभाव में शायद उन्हें अपेक्षित सरकारी सहायता प्राप्त नहीं हो पायी होगी । जब खिलाड़ी अपने संधर्ष के दौर में होते हैं तो उन्हें नियमित स्कॉलरशिप प्रदान करने की व्यवस्था हमारी सरकार ने की है । राष्टीय तथा अन्तर्राष्टीय प्रतियोगिताओं में अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को राज्य सरकार के विभागों में नियोजन प्रदान करने का प्राविधान भी हमने नई खेल नीति में किया है । प्रदेश में खेलों के विकास व खिलाड़ियों के सम्मान व सुरक्षित भविष्य के लिए हम कृत संकल्पित है। प्रदेश में खेल प्रतिभाओं की कमी नहीं है और नयी खेल नीति से आने वाले समय में ये प्रतिभाएं बड़े मंचों पर अपना वर्चस्व स्थापित करनें में सफल होंगी, ऐसा मुझे पूर्ण विश्वास है ।

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खेलोगे कूदोगे बनोगे लाजवाब ! -1

यह भारतीय लोकतंत्र की खूबसूरती ही है कि मेरे जैसे बाजपुर चीनी मिल के एक श्रमिक के बेटे को उत्तराखण्ड की महान जनता ने लगातार चौथी बार विधायक बनाकर प्रदेश में स्थित लोकतंत्र के मन्दिर में निर्वाचित करके भेजा और पार्टी नेतृत्व ने मुझे प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री का महत्वपूर्ण दायित्व दिया । मुझे कैबिनैट मंत्री के रूप में अन्य विभागों के साथ-साथ खेल एवं युवा कल्याण विभाग का दायित्व निर्वहन का भी अवसर प्राप्त हुआ । जीवन के रोजी-रोटी के लिए संघर्ष के दिनों में भी मैं अपनी दिनचर्या में कुछ न कुछ समय खेलों के लिए अवश्य निकाल लेता था । वॉलीबॉल, एथलेटिक्स, कबड्डी आदि कई खेलों के साथ-साथ क्रिकेट में भी मेरी विशेष रुचि थी । राजनीति में प्रवेश के बाद मेरा सदैव एक सपना रहा कि उत्तराखण्ड राज्य की अपनी एक क्रिेकेट टीम होनी चाहिए जिससे हमारे प्रदेश की प्रतिभाओं को राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिभाग करने के लिए अन्य प्रदेशों की टीम से खेलने के लिए संघर्ष ना करना पड़े । मेरे खेल मंत्री बनने से पूर्व बहुत से योग्य लोगों ने यह दायित्व संभाला परन्तु बी.सी.सी.आई. द्वारा प्रदेश की किसी भी क्रिकेट एसोसिएशन को मान्यता नहीं प्रदान की गयी। मैंने खेल मंत्री का दायित्व ग्रहण करने के पश्चात यह देखा कि प्रदेश की कई क्रिकेट एसोसिएशन मान्यता के लिए प्रयास कर रही है तथा इसमें कई राजनैतिक दलों से जुड़े व्यक्तियों के हित भी जुड़े हुए हैं । एक बात स्पष्ट थी कि बिना निरपेक्ष भाव के प्रयास किए सफलता प्राप्त करना सम्भव नहीं था । प्रदेश सरकार के खेल मंत्री के रूप में प्रदेश सरकार के माननीय मुख्यमंत्री जी की प्रेरणा से बी.सी.सी.आई. के अधिकारियों से कई दौर की वार्ताए की गयी तथा अन्त में बी.सी.सी.आई. ने सभी एसोसिएशन व सरकार के प्रतिनिधियों को मिलाकर कन्सेन्सस कमेटी बनायी व प्रदेश में आधिकारिक रूप से क्रिकेट की शुरुआत हुई। उसके पश्चात सी.ए.यू. को बी.सी.सी.आई. की मान्यता प्राप्त हुई । अगर यह कार्य उत्तराखण्ड राज्य की स्थापना के तुरन्त बाद हो गया होता तो शायद उत्तराखण्ड के कई खिलाड़ी भारतीय राष्ट्रीय टीम से खेल चुके होते । परन्तु राज्य हित के ऊपर व्यक्तिगत स्वार्थ हावी होने के कारण राज्य बनने के इतने वर्षों के बाद भी राज्य में क्रिकेट अनाथ बना रहा । बी.सी.सी.आई. से मान्यता मिलने के पश्चात कई युवा, क्रिकेट में अपना भविष्य देखने लगे है। प्रदेश में कई क्रिकेट अकादमी खुल चुकी है । राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं के मैचों का आयोजन हो रहा है । एक उत्साहजनक वातावरण बन रहा है। जारी …

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