खेलोगे कूदोगे, बनोगे लाजवाब ! -2

प्रदेश में खेलों के विकास को लेकर हमारी सरकार ने एक नई सोच के साथ कार्य करना प्रारम्भ किया है । मेरा मानना है कि प्रदेश स्तर पर एक-दो बड़ी बड़ी अवस्थापनायें खड़ी करने मात्र से प्रदेश में खेलों का विकास नहीं हो सकता है, हमें कम से कम न्याय पंचायत स्तर पर खेल मैदान / मिनी स्टेडियम स्थापित करने होंगे तथा प्रत्येक खेल मैदान / मिनी स्टेडियम में कुछ खेलों का चयन करके उनमें प्रशिक्षण देने के लिए कोच व अन्य आवश्यक सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जायेंगी । पंचायती राज विभाग की सहायता से प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर ओपन जिम / व्यायामशालायें स्थापित की जायेंगी ।

इससे जहाँ प्रेदश में खेलों के प्रति उत्साहजनक वातावरण बनेगा वहीं सेना , अर्द्धसैनिक बलों, पुलिस आदि सेवाओं में भर्ती की तैयारी कर रहे युवाओं को भी लाभ होगा । पिछले पांच वर्षों में इसी सोच को लेकर हमारी सरकार ने कार्य किया है । ग्रामीण क्षेत्र में युवाओं को खेलों में आगे बढ़ने के लिए ‘खेल महाकुम्भ’ का वार्षिक आयोजन किया गया । सी. एस. आर. द्वारा इन प्रतियोगिताओं में विजेताओं के लिए विशेष आकर्षक पुरस्कारों की भी व्यवस्था की गयी । यद्यपि पिछले दो वर्षाें में कोविड महामरी के कारण यह आयोजन वृहद स्तर पर नहीं किया जा सका । बालिकाओं के लिए पृथक रूप से स्पोर्टस कालेज खोलने की तैयारी चल रही है । साथ ही माननीय मुख्यन्त्री जी की प्रेरणा से एक नया खेल विश्वविद्यालय भी स्थापित करने का कार्य किया जा रहा है ।

वन्दना कटारिया, मनोज सरकार, लक्ष्य सेन व अन्य खिलाड़ियों ने खेल के क्षेत्र में देश व प्रदेश को गौरवान्वित किया है। राज्य सरकार उनको सम्मानित करने का कार्य कर रही है परन्तु यह सम्मान उनको सफल होने के बाद मिल रहा है । जब वे संघर्ष के दौर में थे तो एक पारदर्शी तथा स्पष्ट खेल नीति के अभाव में शायद उन्हें अपेक्षित सरकारी सहायता प्राप्त नहीं हो पायी होगी । जब खिलाड़ी अपने संधर्ष के दौर में होते हैं तो उन्हें नियमित स्कॉलरशिप प्रदान करने की व्यवस्था हमारी सरकार ने की है ।

राष्टीय तथा अन्तर्राष्टीय प्रतियोगिताओं में अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को राज्य सरकार के विभागों में नियोजन प्रदान करने का प्राविधान भी हमने नई खेल नीति में किया है । प्रदेश में खेलों के विकास व खिलाड़ियों के सम्मान व सुरक्षित भविष्य के लिए हम कृत संकल्पित है। प्रदेश में खेल प्रतिभाओं की कमी नहीं है और नयी खेल नीति से आने वाले समय में ये प्रतिभाएं बड़े मंचों पर अपना वर्चस्व स्थापित करनें में सफल होंगी, ऐसा मुझे पूर्ण विश्वास है ।

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